मजहब से लोगों को इतना इतराज क्यों है?
क्या मजहब को समझा हैं लोगों ने?
हिंसा और बैर की बातें करते हैं
क्या उसी समाज के कार्यकारी को समझा हैं लोगों ने?
अगर समझा है, तो बताइए -
सामूहिक स्तर पर विकल्प क्या हैं,
मजहब का विकल्प क्या हैं?!
- चाँदनी गिरिजा
१४-०८-१९
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