तालियों को सिलसिला
अब बस शुरू हुआ हैं
मुझे तो सिर्फ यहीं देखना हैं
तेरी ताली कितने जोर से बजती हैं
क्या मेरे घर में गूंजती हैं
क्या मेरे मोहल्ले में
मेरे शहर में
या
क्या तेरी ताली
मेरे लिए बजनेवाली तेरी ताली
क्या मेरे देश में गूंजती हैं
तय कर ले
तू आज तय कर ले
दोस्त,
तू कितना कायर हैं
या तू कितना अटल हैं
दोस्त मेरे,
आज तू तय कर ले
क्या तू मेरा दोस्त हैं
या मेरा दुश्मन हैं?
-
चाँदनी गिरिजा
दिन ०६/३० | ३० दिनों में ३० कवितायेँ | राष्ट्रीय कविता लिखन माह | #नापौरीमो
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Image: A still from the movie 'Gangubai Kathiawadi.' Source - IndiaToday
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